Hindi Poems

मैं और मेरे ईश्वर

मैं और मेरे ईश्वर
सैर पर निकल पड़े 
साथ साथ चलते रहे
ख़्वाब लेकर बड़े बड़े।

पर्वतों और झीलों के
आड़ को लपेटे हुए
हवा को संग लिए
बादलों के ऊपर उड़े

जीवन के रंगों में ढले 
हर मोड़ पर सीखते हुए
ज्ञान और विज्ञान के 
अंतर को समेटते चले।

न कोई डर न कोई भय 
गिर के फिर सँभलने का
हर एक लम्हा जो �������������ी लिए
मेरे ईश्वर को समर्पित किए

लाखों जन्मों की आज्ञा में

लाखों जन्मों की आज्ञा में
हर पल राम का स्मरण हो।
अनगिनत पलों की आशा में 
हर क्षण राम के गुणगान हो।

बेहिसाब क्षणों की पहचान में 
हर श्वास राम की छवि हो।
असंख्य सांसों की संपूर्णता में 
हर जन्म राम को समर्पित हो।

सबके प्यारे मुरली मनोहर।।

जिनका आनन सारे जग मे 
सबसे मोहक सबसे सुंदर। 
गोकुल के हैं ये दुलारे 
सबके प्यारे मुरली मनोहर।।

भक्ति में धुत्त मन का प्याला 
ज्ञान का रोशन भर दे अंदर ।
रूप अधिमोहक है सांवला 
सबके प्यारे मुरली मनोहर।।

बनकर आंसू प्रेम का सार 
आंखों से बह जाए झरझर।
लीला जिनका अपरंपार 
सबके प्यारे मुरली मनोहर।।

जय श्री राम। राधेश्याम।।

जय श्री राम। सियाराम।।
जय श्री कृष्ण। राधेश्याम।।

मन के दर्पण हो भगवान।
जय श्री राम। राधेश्याम।।

गाएं सदा तेरे गुणगान।
जय श्री राम। राधेश्याम।।

गूंजे हर पल तेरा नाम। 
जय श्री राम। राधेश्याम।।

तेरे चरण हैं चारों धाम ।
जय श्री राम। राधेश्याम।।

सबसे मन मोहक मुस्कान।
जय श्री राम। राधे�����्याम।।

रूह में बसे हो बनकर ज्ञान ।
जय श्री राम। राधेश्याम।।

जय श्री राम। सियाराम।।
जय श्री कृष्ण। राधेश्याम।।

विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।

विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।।

प्रेम से बोलो सब मेरे संग।
विठ्ठल पाण्डुरंग।। विठ्ठल पाण्डुरंग।।

मन में भर लो भक्ति के रंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।।

हार का भय भी हो जाए भंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।।

थम जाए शत कालों से जंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।।

जाग उठे सारे दिव्य उमंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।

विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।
विठ्ठल पाण्डुरंग। विठ्ठल पाण्डुरंग।

यादों में जो बसें राम

यादों में जो बसें राम
हर सोच पावन हो जाता हैं।
आंखों से जो देखें राम
हर दृश्य सौम्य हो जाता हैं।।

कानों से जो सुने राम
हर शब्द शुद्ध हो जाता हैं।
बातों में जो सजे राम
हर बोल मधुर हो जाता हैं।।

हृदय में जो रखें राम
हर रूप धन्य हो जाता हैं।
सांसों में जो ढले राम
हर आस विश्वास हो जाता हैं।। 

हाथों से जो लिखें राम
हर कर्म सिद्ध हो जाता हैं।
ज्ञान से जो सींचे राम
हर काल मुक्त हो जाता हैं।।

राम के साथ चलो 

राम के साथ चलो 
मार्ग सत्य हो जाएगा।
राम के लिए जियो
आस्था सत्य हो जाएगा।
राम के याद में रहो
स्मरण सत्य हो जाएगा।
राम का नाम बोलो
वाक् सत्य हो जाएगा।
राम के सेवा करो
कर्म सत्य हो जाएगा।
राम के दर्शन करो
दर्पण सत्य हो जाएगा।

राम राम और राम राम 
कहते रहो राम राम।।

 


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